शहरी क्षेत्रों में गोली विषाक्तता - एक केस-आधारित दृष्टिकोण शहर की सेटिंग में दवाइयों की आसान पहुंच के कारण जानबूझकर और आकस्मिक दवा ओवरडोज़ की बढ़ती घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। यह दृष्टिकोण वास्तविक जीवन के परिदृश्यों का उपयोग करके शामिल आम एजेंटों - जैसे कि एनाल्जेसिक, एंटीडिप्रेसेंट और शामक - और उनकी नैदानिक अभिव्यक्तियों का पता लगाता है। यह प्रारंभिक पहचान, जोखिम मूल्यांकन और गैस्ट्रिक परिशोधन, एंटीडोट्स और सहायक देखभाल सहित साक्ष्य-आधारित प्रबंधन पर जोर देता है। सत्र में रोगी की निगरानी, मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और निवारक शिक्षा में नर्स और चिकित्सक की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। केस-आधारित शिक्षा समय-संवेदनशील विषाक्तता संबंधी आपात स्थितियों में व्यावहारिक निर्णय लेने को बढ़ाती है।
कंसल्टेंट एवं हेड इमरजेंसी एवं ट्रॉमा, सर्वोदय हेल्थकेयर, ग्रेटर नोएडा वेस्ट
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