आयुर्वेद के नज़रिए से देखे जाने वाले गैर-संचारी रोग (एनसीडी) में स्वास्थ्य की समग्र समझ शामिल है, जिसमें शारीरिक दोषों के संतुलन और मन, शरीर और आत्मा के एकीकरण पर ज़ोर दिया जाता है। आयुर्वेदिक सिद्धांत एनसीडी को रोकने और प्रबंधित करने के लिए व्यक्तिगत आहार और जीवनशैली में बदलाव, हर्बल उपचार और योग और ध्यान जैसी प्रथाओं की वकालत करते हैं। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य बीमारियों के मूल कारणों को संबोधित करना, समग्र कल्याण को बढ़ावा देना और व्यक्ति को उसके प्राकृतिक संविधान के साथ सामंजस्य स्थापित करना है, जो एनसीडी की रोकथाम और प्रबंधन पर एक व्यापक और टिकाऊ दृष्टिकोण प्रदान करता है।
आयुर्वेद चिकित्सक एवं वैज्ञानिक, संस्थापक एवं विचारक, प्रथा आयुर्वेद
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