कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी से जुड़े दुष्प्रभावों का प्रबंधन कैंसर देखभाल का एक महत्वपूर्ण पहलू है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीज़ अपना इलाज सहन कर सकें और पूरा कर सकें। कीमोथेरेपी से आमतौर पर मतली, उल्टी, थकान और मायलोसप्रेशन (रक्त कोशिका की संख्या में कमी) जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। इन लक्षणों को कम करने के लिए अक्सर एंटीमेटिक दवाएँ, सहायक देखभाल और ग्रोथ फैक्टर सपोर्ट का उपयोग किया जाता है। रक्त गणना की नियमित निगरानी मायलोसप्रेशन को प्रबंधित करने में मदद करती है, और उपचार की खुराक में समायोजन पर विचार किया जा सकता है।
इम्यूनोथेरेपी, जिसका उद्देश्य कैंसर के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना है, विभिन्न अंगों को प्रभावित करने वाली प्रतिरक्षा-संबंधी प्रतिकूल घटनाओं (irAEs) को जन्म दे सकती है। आम irAEs में त्वचा पर चकत्ते, दस्त और अंतःस्रावी शिथिलता शामिल हैं। गंभीर जटिलताओं को रोकने के लिए शीघ्र पहचान और प्रबंधन आवश्यक है। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का उपयोग अक्सर प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं को दबाने के लिए किया जाता है, और कुछ मामलों में, प्रतिरक्षा दमनकारी एजेंट आवश्यक हो सकते हैं।
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