भ्रूण कार्डियोलॉजी में अजन्मे बच्चों में हृदय की स्थिति का निदान करना शामिल है ताकि समय पर हस्तक्षेप और प्रबंधन संभव हो सके। भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी और डॉपलर अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीकें भ्रूण के हृदय की संरचना और कार्य का विस्तृत दृश्य प्रदान करती हैं। यह गैर-आक्रामक इमेजिंग तकनीक जन्मजात हृदय दोषों की पहचान करने, रक्त प्रवाह का आकलन करने और उपचार योजना का मार्गदर्शन करने में मदद करती है। भ्रूण कार्डियोलॉजी मातृ मधुमेह, आनुवंशिक सिंड्रोम या हृदय रोग के पारिवारिक इतिहास वाली गर्भावस्थाओं में महत्वपूर्ण है। भ्रूण हृदय रोग विशेषज्ञ माता-पिता को हृदय की स्थिति, रोग का निदान और उपलब्ध उपचार विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। व्यापक देखभाल सुनिश्चित करने के लिए भ्रूण कार्डियोलॉजी टीमों में अक्सर प्रसूति विशेषज्ञ, नवजात रोग विशेषज्ञ, आनुवंशिकीविद् और बाल रोग विशेषज्ञ शामिल होते हैं। कुछ हृदय स्थितियों का जन्म से पहले इलाज किया जा सकता है ताकि प्रसवोत्तर जटिलताओं को रोका जा सके, जैसे कि स्टेनोटिक वाल्व के लिए बैलून वाल्वुलोप्लास्टी। भ्रूण की हृदय गति की निगरानी: भ्रूण की हृदय गति की निरंतर निगरानी अनियमितताओं और संभावित हृदय संबंधी समस्याओं का पता लगाने में मदद करती है।
श्री पद्मावती चिल्ड्रेन्स हार्ट सेंटर, तिरुपति में वरिष्ठ बाल चिकित्सा इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट
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