कब्ज एक आम और लंबे समय से चली आ रही चिकित्सीय समस्या है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव और चिकित्सा ज्ञान में वृद्धि के साथ इसके लक्षण और प्रबंधन में भी लगातार बदलाव आ रहे हैं। परंपरागत रूप से इसे आहार और आंत्र की आदतों से जोड़ा जाता रहा है, लेकिन तनाव, गतिहीन जीवनशैली, दवाएं और आंत-मस्तिष्क की परस्पर क्रिया जैसे नए कारक भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह केस स्टडी इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे पुरानी कब्ज असामान्य लक्षणों के साथ सामने आ सकती है या मानक उपचार के बावजूद बनी रह सकती है। यह एक व्यापक मूल्यांकन और प्रबंधन के लिए एक व्यक्तिगत, अद्यतन दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देती है।
वरिष्ठ सलाहकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट, यशोदा हॉस्पिटल्स, हैदराबाद
डॉ. विश्वनाथ रेड्डी डी. हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट हैं। उन्हें जटिल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और लिवर विकारों के प्रबंधन में व्यापक अनुभव है और वे रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हैं। डॉ. रेड्डी उन्नत नैदानिक और चिकित्सीय एंडोस्कोपी में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। वे नैदानिक शिक्षा में सक्रिय रूप से योगदान देते हैं और नियमित रूप से शैक्षणिक और व्यावसायिक मंचों पर वक्ता के रूप में भाग लेते हैं।