माइट्रल वाल्व स्टेनोसिस एक हृदय की स्थिति है जो माइट्रल वाल्व के खुलने और बंद होने को प्रभावित करती है, जो बाएं आलिंद और वेंट्रिकल के बीच रक्त प्रवाह को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। यह स्थिति तब होती है जब माइट्रल वाल्व कठोर या संकुचित हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और सांस की तकलीफ, थकान और धड़कन जैसे लक्षण पैदा होते हैं। माइट्रल वाल्व स्टेनोसिस के कई कारण हैं, जिनमें आमवाती बुखार, जन्मजात हृदय दोष और वाल्व पर कैल्शियम जमा होना शामिल है। माइट्रल वाल्व स्टेनोसिस का निदान आमतौर पर एक शारीरिक परीक्षा, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, इकोकार्डियोग्राम और अन्य इमेजिंग परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है। माइट्रल वाल्व स्टेनोसिस के उपचार में लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए दवाएँ शामिल हो सकती हैं, साथ ही बैलून वाल्वुलोप्लास्टी या वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी जैसी प्रक्रियाएँ भी शामिल हो सकती हैं। उपचार का विकल्प स्टेनोसिस की गंभीरता और रोगी के समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
एमबीबीएस, एमडी, डीएम, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट वरिष्ठ सलाहकार, नई दिल्ली, भारत
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