गर्भावस्था के पहले 1,000 दिन, गर्भधारण से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक, माइक्रोबायोम के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समय होता है, जो प्रतिरक्षा कार्य, चयापचय और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इस अवधि के दौरान प्रोबायोटिक्स स्वस्थ माइक्रोबायोम को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जिससे माँ और बच्चे दोनों में एलर्जी, मोटापा और जठरांत्र संबंधी विकारों जैसी स्थितियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
याकुल्ट डैनोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के विज्ञान एवं विनियामक मामलों के प्रमुख
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