मौखिक कैंसर के लिए शल्य चिकित्सा के तरीकों में हाल ही में हुई प्रगति ने सटीकता और न्यूनतम आक्रामक तकनीकों पर जोर दिया है। रोबोट-सहायता प्राप्त सर्जरी और ट्रांसओरल लेजर माइक्रोसर्जरी बेहतर सटीकता की अनुमति देती है, जिससे आसपास के ऊतकों को होने वाला नुकसान कम होता है। सर्जन इमेज-गाइडेड तकनीक का भी तेजी से उपयोग कर रहे हैं, जो दृश्यता को बढ़ाता है और ट्यूमर को अधिक प्रभावी ढंग से हटाने में मदद करता है। सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी प्रारंभिक चरण के मौखिक कैंसर के लिए एक मानक बन गया है, जिससे न्यूनतम आक्रामक तरीके से बेहतर स्टेजिंग संभव हो पाई है। ये प्रगति रोगियों के लिए तेजी से ठीक होने, जटिलताओं को कम करने और समग्र परिणामों में सुधार करने में योगदान करती है।
कंसल्टेंट हेड एंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, पारस यश कोठारी हॉस्पिटल, कानपुर
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