मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में नींद की अहम भूमिका होती है, खराब नींद कई तरह की मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जुड़ी होती है। लगातार नींद की कमी से तनाव, चिंता और अवसाद बढ़ सकता है, जिससे भावनात्मक विनियमन और संज्ञानात्मक कार्य प्रभावित हो सकते हैं। याददाश्त को मजबूत करने, मूड को स्थिर करने और समग्र मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत ज़रूरी है। अपर्याप्त नींद न्यूरोट्रांसमीटर और हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति और खराब हो जाती है। इसके अलावा, खराब नींद की वजह से दैनिक कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, उत्पादकता कम हो सकती है और निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य और तन्यकता के लिए अच्छी नींद की आदतों को प्राथमिकता देना बहुत ज़रूरी है।
कंसल्टेंट क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, सनशाइन काउंसलिंग एंड थेरेपी सेंटर, नासिक
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