आनुवंशिक जांच भ्रूण में प्रत्यारोपण से पहले संभावित आनुवंशिक विकारों की पहचान करके इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के लिए भ्रूण के चयन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस जांच को अक्सर प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (PGT) के रूप में जाना जाता है, जिसमें क्रोमोसोमल असामान्यताओं या विशिष्ट आनुवंशिक उत्परिवर्तनों के लिए भ्रूण का विश्लेषण करना शामिल है। यह सबसे स्वस्थ भ्रूणों का चयन करने, वंशानुगत स्थितियों को पारित करने के जोखिम को कम करने और सफल गर्भावस्था की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करता है। PGT डाउन सिंड्रोम, सिस्टिक फाइब्रोसिस और कुछ वंशानुगत कैंसर जैसी स्थितियों की पहचान कर सकता है, जिससे माता-पिता को यह निर्णय लेने में मदद मिलती है कि किस भ्रूण को प्रत्यारोपित किया जाए। यह तकनीक भ्रूण की गुणवत्ता में सुधार करके और गर्भपात की संभावना को कम करके IVF के समग्र परिणाम को बढ़ाती है। अंततः, आनुवंशिक जांच प्रजनन सफलता को अनुकूलित करने और स्वस्थ गर्भधारण को बढ़ावा देने के लिए एक मूल्यवान उपकरण प्रदान करती है।
वरिष्ठ क्लिनिकल भ्रूणविज्ञानी, VIU, मैड्रिड, स्पेन
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