स्ट्रोक भारत में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। स्ट्रोक के बाद बोलने और निगलने संबंधी विकार आम हैं। स्ट्रोक के बाद निगलने के पुनर्वास की शुरुआत का समय डिस्फेगिया की रिकवरी और जटिलताओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्ट्रोक मुंह और गले की मांसपेशियों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे स्पष्ट रूप से बात करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ये दुष्प्रभाव बोलने और पढ़ने को और अधिक कठिन बना सकते हैं। इसलिए स्ट्रोक के बाद पुनर्वास एक महत्वपूर्ण कौशल है जिसे डॉक्टरों, फिजियो और नर्सों द्वारा सीखा जाना चाहिए।
कार्यकारी निदेशक एवं वरिष्ठ सलाहकार ट्रांसप्लांट पल्मोनोलॉजी
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