एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) के लिए चिकित्सक का दृष्टिकोण प्रारंभिक पहचान पर केंद्रित है, जिसमें जोखिम कारकों, नैदानिक संकेतों और इमेजिंग का आकलन शामिल है, इसके बाद ऑक्सीजन थेरेपी और मैकेनिकल वेंटिलेशन के साथ तत्काल सहायक प्रबंधन किया जाता है। उपचार का उद्देश्य अंतर्निहित कारण को संबोधित करना, कम ज्वारीय मात्रा वेंटिलेशन जैसी रणनीतियों के माध्यम से वेंटिलेटर से जुड़ी फेफड़ों की चोट को कम करना और ऑक्सीजनेशन और फेफड़ों के कार्य में सुधार की बारीकी से निगरानी करते हुए जटिलताओं का प्रबंधन करना है।
कंसल्टेंट, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता
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