गर्भावस्था के दौरान माँ का पोषण भ्रूण की वृद्धि और विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है। फोलेट, आयरन और कैल्शियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का पर्याप्त मातृ सेवन बच्चे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण जन्म संबंधी जटिलताओं के जोखिम को कम करने और स्वस्थ जन्म वजन को बढ़ावा देने में मदद करता है। छह महीने तक के शिशुओं के लिए पोषण के सर्वोत्तम स्रोत के रूप में स्तनपान की सिफारिश की जाती है, जो आवश्यक एंटीबॉडी और पोषक तत्व प्रदान करता है।
जीवन के पहले छह महीनों के दौरान केवल स्तनपान ही इष्टतम वृद्धि और विकास में सहायक होता है। छह महीने के बाद पूरक आहार देना, साथ ही स्तनपान जारी रखना, शिशुओं के लिए संतुलित आहार सुनिश्चित करता है। बच्चों में विकास, संज्ञानात्मक विकास और प्रतिरक्षा कार्य को समर्थन देने में बाल चिकित्सा पोषण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के शुरुआती संपर्क से बाद के जीवन में खाने-पीने की आदतों को बढ़ावा देने और खाने में पसंद न करने की आदत को रोकने में मदद मिल सकती है। बच्चों के पोषण के लिए उम्र के हिसाब से उचित मात्रा और फलों, सब्जियों, प्रोटीन और अनाज के मिश्रण वाला संतुलित भोजन आवश्यक है।
बाल रोग विशेषज्ञ एवं नवजात शिशु पोषण विशेषज्ञ, श्री बालाजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, चेन्नई
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