आईसीयू में कार्डियक अरेस्ट के जोखिम वाले मरीजों की शीघ्र पहचान और हस्तक्षेप करने के लिए रैपिड रिस्पांस सिस्टम (आरआरएस) लागू किए गए हैं। उन्नत निगरानी प्रणाली इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी), रक्तचाप और ऑक्सीजन संतृप्ति सहित महत्वपूर्ण संकेतों की निरंतर निगरानी की अनुमति देती है। कई आईसीयू में स्वचालित बाहरी डिफाइब्रिलेटर (एईडी) का उपयोग मानक अभ्यास बन गया है, जिससे कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में तत्काल डिफिब्रिलेशन की अनुमति मिलती है। टेलीमेडिसिन और रिमोट मॉनिटरिंग तकनीक कार्डियक अरेस्ट रिससिटेशन प्रयासों के दौरान ऑफ-साइट विशेषज्ञों से वास्तविक समय का आकलन और मार्गदर्शन सक्षम करती है। उच्च-निष्ठा वाले रोगी सिमुलेटर के विकास ने आईसीयू में कार्डियक अरेस्ट प्रशिक्षण में क्रांति ला दी है, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को अपने कौशल का अभ्यास करने के लिए एक यथार्थवादी वातावरण मिला है।
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