इंट्रा ऑपरेटिव-इलेक्ट्रो फिजियोलॉजिकल मॉनिटरिंग
इंट्राऑपरेटिव मॉनिटरिंग एक महत्वपूर्ण तकनीक है जो तंत्रिका संरचनाओं की सुरक्षा करके और रोगी की सुरक्षा सुनिश्चित करके सर्जिकल परिणामों में उल्लेखनीय सुधार करती है। यह सत्र इंट्राऑपरेटिव मॉनिटरिंग के उपयोग के लिए विस्तृत परिचय और तर्क प्रदान करता है, जिसमें विभिन्न प्रकार और विधियाँ शामिल हैं। जानें कि कैसे पहचानें सर्जरी के दौरान चेहरे की तंत्रिका, कार्यात्मक तंतु और ब्रेनस्टेम नाभिक जैसी महत्वपूर्ण तंत्रिका संरचनाएं। सर्जरी के दौरान रोगियों की निगरानी की प्रक्रिया का पता लगाएं, संवेदी मार्गों और रीढ़ की हड्डी की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करें, जो प्रासंगिक नैदानिक छवियों और वीडियो द्वारा समर्थित है। इसके अतिरिक्त, कार्यात्मक क्षेत्रों को स्थानीयकृत करने के लिए इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल तकनीकों में गहराई से जानें, जिसमें सोमैटोसेंसरी इवोक्ड पोटेंशियल (SSEPs) और डायरेक्ट कॉर्टिकल स्टिमुलेशन या मोटर इवोक्ड पोटेंशियल (MEPs) शामिल हैं। अपने सर्जिकल अभ्यास में सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, इंट्राऑपरेटिव मॉनिटरिंग के अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए हमसे जुड़ें।
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